– महिलाएं साइबर क्राइम से खुद को बचाएं
-झंझरी में महिलाओं को दी गई कानूनी जानकारी
-महिला अपने हक और अधिकार को जानकर बने सशक्त
गोंडा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से झंझरी ब्लॉक सभागार में महिला सशक्तिकरण को लेकर विधिक शिविर का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं को उनके हक और अधिकार के बारे में कानूनी जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के दौरान कई वक्ताओं द्वारा महिलाओं के संबंध में बनाए गए कानून के विस्तार में बताया गया। रिसोर्स पर्सन रूचि मोदी के द्वारा वैवाहिक विवादों के प्रीलिटिगेशन एवं महिलाओं के कार्यस्थल पर छेड़-छाड़ व यौन उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार, पुरूषों के समान पारिश्रमिक का अधिकार विषय पर विशेष रूप से जनकारी दी गयी।
बाल कल्याण अधिकारी चन्द्रमोहन वर्मा द्वारा महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजना यथा मिशन शक्ति, निराश्रित महिला पेंशन योजना, कन्या सुमगंला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं स्पान्शरशिप योजना की जानकारी देते हुये महिला सशक्तिकरण पर विस्तृत जानकारी दी गयी। श्रम विभाग के ओर से उपस्थित श्रम प्रवर्तन अधिकारी योगेश दीक्षित द्वारा उ0प्र0 भवन एवं सन्निमार्ण कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गयी
कार्यक्रम में वन स्टाप सेन्टर की अधीक्षिका स्वाति पाण्डेय द्वारा पीड़ित महिला अथवा बालिका को वन स्टाप सेन्टर में 05 दिन के अस्थायी संरक्षण के बारे में जानकारी दी गयी, उनके द्वारा यह भी बताया गया कि वन स्टाप सेन्टर में उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता व चिकित्सा सहायता दिया जाता है। जिला पंचायत राज अधिकारी लालजी दूबे एवं खण्ड विकास अधिकारी चन्द्रशेखर द्वारा उपस्थित सभी महिला ग्राम प्रधान, आंगनबाडी कार्यकत्री, ए0एन0एम0 व आशा बहुओं को जानकारी दी गयी कि आप सभी लोग अपने-अपने ग्राम पंचायतों में स्वच्छता हेतु शौचालयों का प्रयोग करने हेतु प्रेरित करें तथा जो भी जानकारी आपको यहां दी जा रही है उसका प्रचार-प्रसार ग्राम पंचायत की अन्य महिलाओं के मध्य करें।
महिलाओं को साइबर क्राइम के प्रति किया गया जागरूक
महिला थाना के ओर से उपस्थित सीमा वर्मा द्वारा सभी महिलाओं को साइबर क्राइम की जानकारी दी गयी, उनके द्वारा बताया गया कि आजकल सभी महिलायें स्मार्ट फोन का उपयोग कर रही हैं। स्मार्ट फोन में किसी भी अपरचित व्यक्ति की वीडियो काल आने पर उसे कभी न उठायें, अगर आपको लगता है कि जरूरी है तो उससे आप आडियो काल के जरिये बात कर लें। इसके अलावा आप के पास यदि कोई मैसेज आता है कि आप का लोन स्वीकृत हो गया है, आपकी लाटरी लग गयी है इत्यादि, का कभी भी जवाब न दें। यदि आप बैंक के खाते से कोई फ्राड होता है तो उसकी सूचना 24 घन्टे के अन्दर साइबर सेल में दें तथा किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपना व्यक्तिगत विवरण न दें।
सोशल नेटवर्किंग साइट में अपना फ्रेंड केवल अपने परिचितों को ही बनाये, किसी अपरचित को नहीं।
कार्यकम के समापन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज द्वारा उपस्थित महिलाओं को जानकारी देते हुए बताया गया कि समय समय पर महिला विधिक जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जाता है, जिसका उद्देश्य भारत के संविधान में महिलाओं के जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन रोकने के लिए मौलिक अधिकार दिया गया है। आज का युग ऐसा युग है, जिसमें महिलाओं को संविधान में कई अधिकार दिये गये हैं। आज महिलाएं इस विकासशील भारत में विकसित बनाने के लिए अपना योगदान देती हैं, परन्तु फिर भी उन्हें कई बार अलग-अलग रूपों में प्रताड़ित किया जाता है तथा उनके अधिकारों का हनन किया जाता है।
महिला सशक्तीकरण पर जानकारी देतेे यह भी बताया गया कि वर्तमान में महिलाओं को कानूनी अधिकार प्राप्त है जैसे महिलाओं के कार्यस्थल पर छेड़-छाड़/यौन उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार, पुरूषों के समान पारिश्रमिक का अधिकार, यौन उत्पीड़न की पीड़िता का नाम सार्वजनिक न होने का अधिकार, पति अथवा रिश्तेदारों के खिलाफ घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार, कामकाजी महिलाओं को मातृत्व सम्बन्धी लाभ का अधिकार, कन्या भू्रण हत्या के खिलाफ अधिकार, रात में गिरफ्तार न होने का अधिकार, सम्पत्ति में बराबरी का अधिकार, पीड़िताओं को क्षतिपूर्ति पाने का अधिकार व मुफ्त कानूनी सहायता उपलब्ध है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी, परियोजना निदेशक एवं खंड विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी तहसीलदार व अन्य संबंधित अधिकारीगण व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।