परिषदीय विद्यालयों के 400 प्रधानाध्यापकों को ‘निपुण चैम्पियन पुरस्कार’ देगी योगी सरकार
– ‘निपुण भारत चैम्पियन पुरस्कार’ के तहत किया जायेगा सम्मानित
– निर्धारित मानकों पर खरा उतरने वाले प्रधानाध्यापकों को मिलेगा पुरस्कार
– विद्यालय घोषित होगा ‘निपुण विद्यालय’, प्रधानाध्यापक को ‘निपुण चैम्पियन हेडमास्टर ऑफ द डिस्ट्रिक्ट’ का मिलेगा खिताब
– बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने दी सहमति, जारी हुआ आदेश
– शिक्षक-विद्यार्थी आत्मीय संबंधों पर जोर और निपुण लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से प्राप्त करना है उद्देश्य : संदीप सिंह
लखनऊ । परिषदीय विद्यालयों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 400 प्रधानाध्यापकों को योगी सरकार द्वारा ‘निपुण चैम्पियन पुरस्कार’ दिया जायेगा। यह पुरस्कार, निर्धारित मानकों पर खरा उतरने वाले उन प्रधानाध्यापकों को मिलेगा, जिनके कार्यों में लगातार तीन शैक्षिक सत्रों (सत्र 2024-25, 2025-26 और 2026-27) में गुणात्मक सुधार दिखेगा।
चयनित विद्यालय, ‘निपुण विद्यालय’ घोषित होगा और प्रधानाध्यापक को ‘निपुण चैम्पियन हेडमास्टर ऑफ द डिस्ट्रिक्ट’ के खिताब से नवाज़ा जायेगा। प्रधानाध्यापकों के चयन का आधार कार्यों का वार्षिक मूल्यांकन और उनके उत्कृष्ट प्रयास को बनाया गया है। बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने योजना को धरातल पर उतारने की सहमति दे दी है, जिसके बाद 03 जुलाई 2024 को प्रमुख सचिव डॉ. एमके शन्मुगा सुंदरम ने इस बावत आदेश जारी कर दिया है।
यह हैं चयन मानक
प्रधानाध्यापकों के चयन के लिए योगी सरकार ने तीन मानक तय किये हैं। पहला, निपुण लक्ष्य और सूची के अनुरूप परिषदीय प्राथमिक विद्यालय के नामांकन के सापेक्ष 80 प्रतिशत बच्चों द्वारा निर्धारित दक्षताएं प्राप्त कर ली गयी हों। दूसरा, लगातार तीन शैक्षिक सत्रों में कक्षा एक से पांच तक के नामांकन में वृद्धि दर्ज की गयी हो और छात्र संख्या 100 या उससे अधिक रही हो तथा अंतिम, बच्चों की औसत उपस्थिति भी 90 प्रतिशत से अधिक रही हो।
यह है उद्देश्य
‘निपुण भारत चैम्पियन पुरस्कार’ के तहत दिये जाने वाले इस पुरस्कार के पीछे शिक्षक-विद्यार्थी आत्मीय संबंधों पर जोर और निपुण लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से प्राप्त करना तो है ही, अध्यापकों और अधिकारियों का मनोबल बढ़ाना भी है। शैक्षणिक गतिविधियों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना बढ़ाना, गुणवत्ता सुनिश्चित करना, पर्यवेक्षणीय अधिकारियों में उत्तरदायित्व का भाव बढ़ाना, प्रतिदर्श विद्यालय विकसित करना, पियर लर्निंग के लिए सकारात्मक वातावरण सृजन और सीखने की प्रक्रिया को गति प्रदान करना भी है।
ऐसे होगा मूल्यांकन
▪️योगी सरकार ने निपुण प्रधानाध्यापकों के चयन प्रक्रिया को बहुत ही पारदर्शी बनाया है। निपुण लक्ष्य तथा सूची के अनुरूप नामांकन के सापेक्ष शत-प्रतिशत बच्चों की दक्षता हासिल कर चुके प्रधानाध्यकों को अपने स्कूल के मूल्यांकन के लिए नामांकन करना होगा।
▪️राज्य परियोजना कार्यालय (SCERT) इस बावत दिशा निर्देश जारी करेगा और फिर, डायट के प्राचार्य के निर्देशन में एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) या डायट मेंटर या डीएलएड प्रशिक्षु मौके पर जाएंगे।
▪️निर्धारित मानकों के अनुरूप नामांकित स्कूल का मूल्यांकन करेंगे। पारदर्शिता को बरकरार रखने के लिए योगी सरकार ने छात्र नामांकन और उपस्थिति के डेटा को यू-डायस/प्रेरणा पोर्टल से लेने का निर्णय लिया है।
▪️इन प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद राज्य परियोजना कार्यालय (SCERT) द्वारा चयनित या नामित टीम सम्बन्धित स्कूल के सभी बच्चों का मूल्यांकन कर अपना रिपोर्ट सौंपेगी।
▪️इस मूल्यांकन को भी पारदर्शी बनाये रखने के लिए योगी सरकार ने आईटी प्रणाली का उपयोग कराने का निर्णय लिया है।
निपुण विद्यालय को मिलेगा रुपये 25000 और प्रशस्ति पत्र
चयनित निपुण विद्यालय को योगी सरकार द्वारा पुरस्कार स्वरूप प्रशस्ति पत्र और रुपये 25000 की धनराशि दी जाएगी। इस धनराशि का उपयोग स्कूल स्तर पर ही किया जा सकेगा। किसी अन्य से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। इसे खेलकूद सामग्री अथवा नवाचारी शैक्षणिक गतिविधियों के लिए खर्च किया जा सकेगा।
उत्कृष्ट संस्थाओं में दिया जायेगा प्रशिक्षण
योगी सरकार ने निपुण विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और सहायक शिक्षकों को देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षण दिलवाने का निर्णय भी लिया है। जिससे वे अपने विद्यालयों में अकादमिक गतिविधियों और अभिनव प्रयोगों को अच्छी तरह से लागू कर सकेंगे।
स्थानीय स्तर पर भी सम्मानित होंगे प्रिंसिपलः संदीप सिंह
बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह का कहना है कि जिस विद्यालय का चयन निपुण विद्यालय के रूप में होगा, उनके प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को स्थानीय स्तर पर भी सम्मानित किया जायेगा। राज्य, जिला और ब्लाक स्तर पर आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में उपस्थित जनप्रतिनिधि इन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेंगे। इस योजना का उद्देश्य, शिक्षक-विद्यार्थी आत्मीय संबंधों पर जोर देना और निपुण लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से प्राप्त करना है।