गोंडा में सौतेले पिता को न्यायालय ने सुनाई फांसी की सजा
गोंडा- नवाबगंज थाना अन्तर्गत कटरा शिवदयालगंज रेलवे स्टेशन के बगल बाग में छह महीने पहले बच्ची से हुई दरिंदगी और हत्या के मामले में विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट/अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नारायण मणि त्रिपाठी ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। कोर्ट ने अर्थदंड की अदायगी पर 50 फीसदी राशि मृतका की मां को देने का आदेश दिया है।आरोपी मध्य प्रदेश के ग्राम जौरीताल का रहने वाला था। न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय की स्वीकृति के लिए पत्रावली चार दिनों के भीतर उच्च न्यायालय इलाहाबाद भेजी जाएगी। विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार मिश्र व अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बीते 21 जून को सुबह थाना नवाबगंज के कटरा रेलवे स्टेशन के पास बाग में एक चार वर्षीय बच्ची का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ था। शव मिलने के बाद स्थानीय व्यवसायी विष्णु गुप्ता ने पुलिस को दिए गए तहरीर में बताया कि मृत मिली बच्ची, साधू वेशधारी के साथ घटना के पूर्व शाम को दिखी थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दोषी को नशे के हालत में गिरफ्तार किया था। विवेचना के दौरान दोषी मृतका का सौतेला पिता निकला था।
पोस्टमार्टम में दरिंदगी के साथ दुष्कर्म और चट्टान व पेड़ पर पटक-पटक कर बच्ची की हत्या की पुष्टि हुई थी। न्यायालय ने निर्णय सुनाते हुए कहा है कि दोषी को फांसी से तब तक न उतारा जाए जब तक उसकी सांसें पूरी तरह से न रुक जाए। आपको बता दें कि दोषी को सुनाई गई सजा से पीड़ित मां ने राहत की सांस ली।
दो साल पहले छत्तीसगढ़ के करबला रोड से शुरू हुई कहानी
छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला स्थित करबला रोड से शुरू हुई कहानी बच्ची के साथ दरिंदगी और मौत पर रुक गई। बीते 21 जून को दिलदहला देने वाली घटना के बाद न्यायालय में गवाही देने के दौरान मृतका की मां ने बताया कि वह अपनी तीन बेटियों के साथ करबला रोड पर रहती थी। आरोपी से उसकी मुलाकात बस स्टेशन पर हुई थी। इस दौरान आरोपी ने झांसा देकर मृतका की मां के साथ शादी कर ली। शादी के बाद दोषी मध्यप्रदेश के दतिया जिला स्थित अपने आवास पर तीन बच्चियों और उनकी मां को ले गया। एक महीने रहने के बाद दोषी सबको लेकर रायपुर गया और रेलवे स्टेशन पर ही पत्नी और दो बच्चियों को छोड़ सबसे छोटी चार साल की बच्ची को लेकर वहां से भाग गया था।
दर्द से तड़प कर मरी थी बच्ची-
कोर्ट में गवाही के दौरान उपस्थित हुए दो चिकित्सकों ने बताया था कि बेहद ही दरिंदगी के साथ बच्ची से दुष्कर्म किया गया था। पोस्टमार्टम के दौरान दरिंदगी की पुष्टि के साथ ही सिर व जबड़े की हड्डियां टूटी मिलीं थीं।
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने मीडिया को दिए गए बयान में बताया अभियोग के
विवेचक तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक रहे मनोज कुमार राय का गैर जनपद स्थानांतरण होने के बाद गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी पूर्ण मनोयोग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया गया तथा उक्त अभियोग में समय से गवाही व प्रभावी पैरवी की गई।जिसके फलस्वरूप उक्त अभियुक्त को सजा दिलाने में सफलता प्राप्त हुई। नवाबगंज थाने के प्रभारी निरीक्षक निर्भय नारायण सिंह ने दोषी को मृत्युदंड से दंडित होने पर पुलिसकर्मियों को मिठाई खिलाकर प्रसन्नता व्यक्त की।